थिबो मोरिस की किताब "Master Your Emotions" (मास्टर योर इमोशंस) भावनाओं को समझने, नियंत्रित करने और उन्हें सकारात्मक रूप से उपयोग में लाने के तरीके सिखाती है। नीचे प्रत्येक अध्याय का मूल भाव, उसके उद्देश्य और कुछ उदाहरणों के साथ संक्षिप्त वर्णन दिया गया है:https://amzn.to/3RakA0P
Chapter 1: Why You Feel the Way You Do
(आप जैसा महसूस करते हैं वैसा क्यों करते हैं?)
यह अध्याय बताता है कि हमारी भावनाएं हमारे विचारों और विश्वासों से जुड़ी होती हैं। जब हम बार-बार नकारात्मक बातें सोचते हैं, तो हमारी भावनाएं भी नकारात्मक हो जाती हैं।
उदाहरण: यदि आप बार-बार सोचते हैं कि "मैं असफल हूं", तो आपके अंदर हताशा, डर और तनाव की भावना पैदा होती है।
Chapter 2: The Hidden Forces Behind Emotions
(भावनाओं के पीछे छिपी शक्तियाँ)
हमारी इच्छाएं, अपेक्षाएं और अनुभव भावनाओं को आकार देते हैं। जब हमारी अपेक्षाएं पूरी नहीं होतीं, तो हम दुखी हो जाते हैं।
उदाहरण: आप उम्मीद करते हैं कि आपका दोस्त आपको कॉल करेगा, लेकिन वह नहीं करता—आपको निराशा होती है।
Chapter 3: How to Master Negative Emotions
(नकारात्मक भावनाओं पर काबू कैसे पाएं)
इस अध्याय में बताया गया है कि नकारात्मक भावनाएं दबाने की बजाय उन्हें स्वीकार करें, उनका विश्लेषण करें और उन्हें बदलने की कोशिश करें।
उदाहरण: गुस्सा आने पर गिनती करना या गहरी साँस लेना, ताकि आप प्रतिक्रिया देने से पहले सोच सकें।
Chapter 4: Mastering Your Emotions Through Awareness
(सजगता से भावनाओं पर नियंत्रण)
भावनाओं पर नियंत्रण का पहला कदम उन्हें पहचानना है। "मैं क्या महसूस कर रहा हूँ और क्यों?" — यह प्रश्न खुद से पूछने से आत्म-जागरूकता बढ़ती है।
उदाहरण: ऑफिस में डांट सुनने के बाद चुप रहकर सोचना—"मुझे बुरा क्यों लग रहा है? क्या मैं खुद को कमज़ोर मान रहा हूँ?"
Chapter 5: Your Emotions Aren’t You
(आपकी भावनाएं आप नहीं हैं)
इस अध्याय में बताया गया है कि हम अपनी भावनाओं के साथ खुद को जोड़ लेते हैं, जबकि वे केवल अनुभव हैं—हमारा असली स्वरूप नहीं।
उदाहरण: "मैं दुखी हूँ" के बजाय "मैं दुख महसूस कर रहा हूँ" कहना एक बड़ा बदलाव ला सकता है।
Chapter 6: How to Reprogram Your Mind
(अपने दिमाग को दोबारा प्रशिक्षित कैसे करें)
दिमाग में चलने वाले पैटर्न को पहचानकर उन्हें सकारात्मक सोच और आदतों से बदला जा सकता है।
उदाहरण: सुबह जागते ही 3 अच्छी चीजों के बारे में सोचना आपकी सोच को सकारात्मक बना सकता है।
Chapter 7: Designing Your Ideal Emotion
(अपनी पसंद की भावना बनाएं)
इस अध्याय में बताया गया है कि हम कैसे अपनी सोच और दिनचर्या को इस तरह बना सकते हैं कि हम ज़्यादातर समय खुशी, संतुलन और प्रेरणा महसूस करें।
उदाहरण: नियमित व्यायाम, ध्यान, और प्रेरणादायक किताबें पढ़ना आपकी भावनात्मक स्थिति को ऊँचा कर सकता है।
Chapter 8: Building Your Emotional Toolbox
(भावनात्मक उपकरणों की पेटी बनाएं)
यह अध्याय कई व्यावहारिक तरीकों और टूल्स की बात करता है जैसे मेडिटेशन, जर्नलिंग, माइंडफुलनेस, और एंकरिंग टेक्नीक।
उदाहरण: जब भी आप घबराएं, अपने किसी शांतिपूर्ण पल को याद करना ताकि उस भावना को दोबारा जिया जा सके।
अगर आप चाहें तो मैं इस किताब का ऑडियो स्वरूप में दैनिक अभ्यास, ध्यान या आत्म-संवाद के रूप में भी तैयार कर सकता हूँ। बताइए आपको किस स्वरूप में पसंद आएगा?
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